प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक तकनीकी दिग्गजों के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई मुलाकातों के माध्यम से भारत को एआई, सेमीकंडक्टर और नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने Cognizant, Intel और Microsoft की भारत में बढ़ती भागीदारी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत का युवा, कौशल और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर मजबूत फोकस भविष्य के डिजिटल विश्व में देश की भूमिका को निर्णायक बनाएगा।
कॉग्निजेंट के सीईओ श्री रवि कुमार एस और चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री राजेश वारियर के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भविष्य के क्षेत्रों में कॉग्निजेंट की भागीदारी का स्वागत करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि एआई और स्किलिंग पर भारत का ध्यान उद्योग को मजबूत साझेदारी का आधार देगा। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट में लिखा—
“भारत भविष्य के क्षेत्रों में कॉग्निजेंट की लगातार भागीदारी का स्वागत करता है… हमारे युवाओं का एआई और स्किलिंग पर फोकस अच्छे सहयोग का माहौल बनाता है।”
https://x.com/narendramodi/status/1998411257570087283?s=20
इंटेल के चेयरमैन एमेरिटस श्री लिप-बू टैन से मुलाकात में प्रधानमंत्री ने भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा के प्रति इंटेल की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं के साथ नवाचार-आधारित भविष्य के निर्माण में इंटेल की साझेदारी एक बड़ा अवसर है। पीएम मोदी ने लिखा—
“भारत अपनी सेमीकंडक्टर यात्रा के प्रति इंटेल की प्रतिबद्धता का स्वागत करता है… मुझे विश्वास है कि प्रौद्योगिकी के भविष्य में साथ काम करने का शानदार अनुभव होगा।”
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माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के साथ चर्चा के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया एआई को लेकर भारत के प्रति आशावादी है। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा एशिया में अब तक का सबसे बड़ा निवेश भारत में करने के निर्णय का स्वागत करते हुए पीएम ने इसे नवाचार क्षेत्र में भारत की उभरती शक्ति का संकेत बताया। उन्होंने कहा—
“एआई के मामले में दुनिया भारत के प्रति आशावादी है… यह देखकर खुशी है कि माइक्रोसॉफ्ट अपना अब तक का सबसे बड़ा एशियाई निवेश भारत में करेगा।”
प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति और भाषा की मजबूती पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने दूरदर्शन के सुप्रभातम कार्यक्रम में प्रतिदिन प्रसारित होने वाले संस्कृत सुभाषितों की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय मूल्यों और सांस्कृतिक आत्मा को संरक्षित रखता है। पीएम मोदी ने लिखा—
“दूरदर्शन के सुप्रभातम कार्यक्रम में प्रतिदिन संस्कृत सुभाषित प्रस्तुत किया जाता है… यह संस्कार और संस्कृति का सुंदर संगम है।”
https://x.com/narendramodi/status/1998240710336909602?s=20
प्रधानमंत्री की इन बैठकों और वक्तव्यों ने स्पष्ट संकेत दिया कि भारत का विज़न टेक-ड्रिवेन विकास, एआई समावेश, सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक समृद्धि को एक साथ आगे बढ़ाने का है। भारत आज नवाचार में निवेश आकर्षित कर रहा है, वहीं अपनी सभ्यता के मूल तत्वों को भी संरक्षित कर रहा है—यही संतुलन नए भारत की वैश्विक पहचान बन रहा है।








