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भारत में लव मैरिज पर माता-पिता की बदलती सोच और भावनाएँ

भारत में विवाह हमेशा से परिवार और समाज से गहराई से जुड़ा विषय रहा है। लेकिन आज की युवा पीढ़ी में love marriage in India तेजी से बढ़ रही है। इस बदलाव के बीच माता-पिता की सोच, भावनाएँ और प्रतिक्रियाएँ लगातार बदल रही हैं। परंपरा और आधुनिकता के बीच यह संघर्ष भारतीय समाज में एक नई मानसिकता को जन्म दे रहा है।

माता-पिता की पहली प्रतिक्रिया: चिंता और सामाजिक दबाव

अधिकतर भारतीय माता-पिता के लिए प्रेम विवाह एक भावनात्मक चुनौती बन जाता है।

  • उन्हें समाज और रिश्तेदारों की राय की चिंता रहती है।

  • वे सोचते हैं कि कहीं परिवार की प्रतिष्ठा प्रभावित न हो जाए।

  • यह डर भी रहता है कि प्रेम विवाह टिकाऊ होगा या नहीं।

Indian parents mindset अक्सर इस सवाल से शुरू होती है:
“क्या यह फैसला भावनात्मक है या समझदारी से लिया गया है?”

जाति, धर्म और सांस्कृतिक अंतर की चिंता

आज भी भारत में कई परिवार जातिगत और सांस्कृतिक समानता को महत्वपूर्ण मानते हैं।

  • अलग जाति या धर्म में विवाह को लेकर हिचक

  • खान-पान व परंपराओं का अंतर

  • भविष्य में परिवारों में तालमेल की दिक्कत

इन कारणों से parents को love marriage risky लग सकता है।

https://tesariaankh.com/intercaste-marriage-dowry-issues-modern-generation/

 नई पीढ़ी के विचारों को समझने की शुरुआत

शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता और सोशल मीडिया ने युवाओं की सोच बदल दी है।

  • वे रिश्ते में समानता, सम्मान और व्यक्तिगत पसंद को अहम मानते हैं।

  • आधुनिक पीढ़ी के रिश्ते भावनात्मक और व्यावहारिक दोनों होते हैं।

  • यही कारण है कि parents धीरे-धीरे love marriage acceptance की ओर बढ़ रहे हैं।

आज कई माता-पिता बच्चों की पसंद को सुनते हैं और यह समझते हैं कि खुशहाल जीवन साथी वही होता है जिससे समझ और प्यार हो।

https://x.com/narendramodi/status/1997209721603014813?s=20

स्वीकार्यता बढ़ रही है — धीरे लेकिन लगातार

भारत में आज ऐसे माता-पिता की संख्या बढ़ रही है जो कहते हैं—
“अगर बच्चे खुश हैं, तो हमें मंज़ूर है।”

इसके कारण:

  • बच्चों की आर्थिक स्वतंत्रता

  • आधुनिक जीवनशैली का प्रभाव

  • mixed culture exposure

  • रिश्तों को लेकर maturity

फिर भी ग्रामीण और परंपरागत परिवारों में विरोध देखा जा सकता है।

माता-पिता की भावनाएँ: प्यार, डर और जिम्मेदारी का मिश्रण

माता-पिता की हर भावना बच्चों के भविष्य की चिंता से जुड़ी होती है।
वे चाहते हैं कि:

  • बच्चे सुरक्षित और खुश रहें

  • रिश्ते में स्थिरता हो

  • परिवारों में सम्मान बना रहे

उनका डर गलत नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों पर आधारित होता है।

भारत में love marriage trends तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके साथ माता-पिता की सोच भी बदल रही है। परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाते हुए माता-पिता अब बच्चों की खुशी को प्राथमिकता दे रहे हैं।

आज का दौर समझ, संवाद और आपसी सम्मान पर आधारित है। जब युवा पीढ़ी और माता-पिता एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझते हैं, तब परिवार और समाज दोनों में सकारात्मक बदलाव दिखाई देता है।

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

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