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Lenskart IPO 2025: जानें सब्सक्रिप्शन से लेकर लिस्टिंग तक की पूरी जानकारी!

Lenskart IPO 2025: भारत की प्रमुख आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट सॉल्यूशंस का पहला IPO (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) निवेशकों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। कंपनी इस IPO के माध्यम से बाज़ार से ₹7,278.02 करोड़ जुटाना चाहती है। यदि आप शेयर बाज़ार में नए हैं और लेंसकार्ट के IPO में निवेश पर विचार कर रहे हैं, तो यहाँ आपके लिए सभी महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं:

IPO क्या है और लेंसकार्ट क्यों आ रहा है?

IPO का अर्थ है आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (Initial Public Offering)। यह वह प्रक्रिया है जिसके तहत एक निजी कंपनी पहली बार आम जनता और संस्थागत निवेशकों को अपने शेयर बेचकर स्टॉक एक्सचेंज (जैसे BSE और NSE) पर सूचीबद्ध होती है। लेंसकार्ट इस IPO से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल अपने कंपनी-स्वामित्व वाले स्टोरों के नेटवर्क का विस्तार, टेक्नोलॉजी में निवेश, ब्रांड मार्केटिंग और संभावित अधिग्रहणों के लिए करेगी।

प्रमुख तिथियां और सब्सक्रिप्शन की स्थिति

लेंसकार्ट का IPO 31 अक्टूबर को खुला और 4 नवंबर, 2025 को बंद हो रहा है।

श्रेणी सब्सक्रिप्शन दर (3 नवंबर तक)

खुदरा निवेशक (Retail Investors) 3.33 गुना (सबसे आगे)

गैर-संस्थागत निवेशक (NIIs) 1.88 गुना

योग्य संस्थागत खरीदार (QIBs) 1.64 गुना

कुल सब्सक्रिप्शन 2.01 गुना

यह 2 गुना से अधिक ओवरसब्सक्रिप्शन दिखाता है कि निवेशकों ने मज़बूत मांग दिखाई है। खुदरा निवेशकों ने विशेष रूप से उत्साह दिखाया है।

मूल्य दायरा (Price Band) और लॉट साइज (Lot Size)

कंपनी ने प्रति शेयर का मूल्य ₹381 से ₹402 के बीच तय किया है। निवेशक केवल इसी दायरे में बोली लगा सकते हैं एक निवेशक को कम से कम 37 शेयरों के लिए आवेदन करना होगा, जिसे लॉट साइज कहा जाता है। मूल्य बैंड के ऊपरी छोर (₹402) पर, खुदरा निवेशक को न्यूनतम 37 शेयरों के लिए ₹14,874 (37 शेयर $\times$ ₹402) का निवेश करना होगा।

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या है?

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) एक अनौपचारिक संकेतक है। यह बताता है कि स्टॉक के सूचीबद्ध होने से पहले निवेशक इसे प्रीमियम पर खरीदने या बेचने के लिए कितने उत्सुक हैं। लेंसकार्ट के शेयर ग्रे मार्केट में ₹461 पर कारोबार कर रहे हैं, जो ऊपरी मूल्य बैंड (₹402) से ₹59 या 14.68 प्रतिशत अधिक है। GMP का सकारात्मक होना बाज़ार के आशावाद और लिस्टिंग पर संभावित लाभ (Listing Gain) के संकेत देता है। हालांकि, IPO खुलने के समय GMP ₹95 था, जो अब कम हुआ है, यह दर्शाता है कि निवेशकों की भावना थोड़ी शांत हुई है।

क्या ब्रोकरेज फर्म्स खरीदने की सलाह दे रहे हैं?

कई ब्रोकरेज फर्म्स ने लेंसकार्ट के IPO के बारे में सकारात्मक राय दी है। रिलायंस सिक्योरिटीज और एसएमआईएफएस ने ‘सब्सक्राइब’ करने की सिफारिश की है, जबकि चॉइस इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और एसबीआई सिक्योरिटीज ने ‘लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब’ करने का सुझाव दिया है। यह दीर्घकालिक विकास की संभावनाओं पर विश्वास को दर्शाता है।

आवंटन और लिस्टिंग की अपेक्षित तिथियां

आवंटन का आधार: 6 नवंबर, 2025

शेयरों की लिस्टिंग: सोमवार, 10 नवंबर, 2025 (BSE और NSE पर)

IPO में निवेश करना बाज़ार जोखिमों के अधीन होता है। GMP और सब्सक्रिप्शन दरें केवल संकेतक हैं; वे लिस्टिंग लाभ की गारंटी नहीं देते। किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले कंपनी के वित्तीय विवरणों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करें और अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

लेंसकार्ट के वित्तीय आंकड़े और प्रतिस्पर्धी: एक विस्तृत विश्लेषण

लेंसकार्ट ने पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से वृद्धि की है, लेकिन निवेशकों को मुनाफे की स्थिरता और कड़ी प्रतिस्पर्धा पर भी ध्यान देना चाहिए।

 I. लेंसकार्ट का वित्तीय प्रदर्शन (FY25 तक)

वित्तीय वर्ष (31 मार्च को समाप्त) कुल राजस्व (करोड़ में) शुद्ध लाभ/हानि (PAT) (करोड़ में) EBITDA मार्जिन

FY2023 ~3,928 (₹63.76 करोड़) (हानि) ~6.9%

FY2024 ~5,610 (₹10.15 करोड़) (हानि) –

FY2025 ~7,009 ₹297.34 करोड़ (लाभ) ~14.6%

कंपनी ने FY23 से FY25 के बीच अपने राजस्व में लगभग 32.5% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की है, जो इसकी आक्रामक विस्तार रणनीति को दर्शाता है। FY25 में कंपनी हानि से लाभ (₹297 करोड़) में बदल गई, जो एक बड़ा सकारात्मक संकेत है।

विश्लेषकों ने बताया है कि FY25 का यह शुद्ध लाभ आंशिक रूप से एक गैर-नकद लेखांकन लाभ (Non-cash Accounting Gain) के कारण बढ़ा है, जो Owndays अधिग्रहण से संबंधित था। इस लाभ को हटा दें तो, समायोजित (Adjusted) शुद्ध लाभ काफी कम हो सकता है। यह दर्शाता है कि परिचालन लाभप्रदता अभी भी पतली (Thin) है।

₹402 के ऊपरी मूल्य बैंड पर, IPO का मूल्यांकन 200 गुना से अधिक के P/E अनुपात पर किया गया है (FY25 की कमाई के आधार पर)। यह मूल्यांकन अन्य स्थापित खुदरा कंपनियों की तुलना में बहुत अधिक है, जो दर्शाता है कि वृद्धि की अधिकांश संभावनाओं को पहले ही कीमत में शामिल कर लिया गया है (Priced-in)

II. प्रमुख प्रतिस्पर्धी और बाजार की स्थिति

लेंसकार्ट एक खंडित (Fragmented) और प्रतिस्पर्धी बाजार में काम करता है, जहाँ 77% बाजार अभी भी असंगठित (Unorganised) क्षेत्र के पास है।

1. संगठित क्षेत्र के प्रमुख प्रतिस्पर्धी (Organised Competitors):

टाइटॅन आईप्लस (Titan Eye+):

मालिक: टाटा समूह (Tata Group)

यह लेंसकार्ट का सबसे प्रमुख संगठित प्रतिस्पर्धी है। Titan Eye+ आम तौर पर प्रीमियम सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करता है और ट्रस्ट तथा विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। वित्तीय तुलना (FY25): इसका Eyecare डिवीजन लेंसकार्ट की तुलना में बहुत छोटा है (राजस्व ~₹796 करोड़), लेकिन इसका EBIT मार्जिन (~10%+) लेंसकार्ट के मौजूदा समायोजित (Adjusted) मार्जिन से अधिक रहा है। मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मजबूत उपस्थिति।

जीकेबी ऑप्टिकल्स (GKB Opticals) और लॉरेंस एंड मेयो (Lawrence & Mayo): ये लंबी और स्थापित खुदरा श्रृंखलाएं हैं जो पारंपरिक खुदरा दृष्टिकोण पर काम करती हैं।

2. ऑनलाइन/D2C प्रतिस्पर्धी:

कूलविंक्स (Coolwinks): एक अन्य ऑनलाइन आईवियर ब्रांड। जॉन जैकब्स आईवियर (John Jacobs Eyewear): लेंसकार्ट का एक प्राइवेट-लेबल ब्रांड भी है, जो मुख्य रूप से एक अलग ब्रांड के रूप में प्रतिस्पर्धा करता है। वैश्विक दिग्गज: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Warby Parker (USA) और Zenni Optical (Online) जैसे खिलाड़ी भी हैं, जो वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करते हैं।

3. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म:

अमेज़न (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart): ये बड़े मार्केटप्लेस भी आईवियर बेचते हैं, जिससे लेंसकार्ट को ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

 III. लेंसकार्ट की ताकत (Key Strengths)

लेंसकार्ट इस बाजार में अपनी कुछ अनूठी ताकतों के कारण बाज़ार पर हावी है: ओमनी-चैनल मॉडल: यह ऑनलाइन बिक्री की सुविधा और ऑफलाइन स्टोर के विशाल नेटवर्क (भारत में 2,100 से अधिक) का एक सफल मिश्रण है।वर्टिकली इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन: इसके पास अपनी विनिर्माण इकाइयाँ (Manufacturing Facilities) हैं, जिससे लागत पर नियंत्रण रहता है और उच्च सकल मार्जिन (Gross Margin) लगभग 70% बना रहता है। टेक्नोलॉजी और AI: वर्चुअल ट्राई-ऑन और रिमोट आई-टेस्टिंग जैसी तकनीक का उपयोग करने में अग्रणी।

लेंसकार्ट का भविष्य मज़बूत विकास की कहानी को दर्शाता है, क्योंकि भारत का आईवियर बाजार तेजी से असंगठित से संगठित क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, निवेशकों को उच्च मूल्यांकन और लाभ की गुणवत्ता से जुड़े जोखिमों को ध्यान में रखना चाहिए।

लेंसकार्ट का IPO कुल ₹7,278.02 करोड़ का है, जिसे दो हिस्सों में बांटा गया है, और दोनों हिस्सों के फंड का उपयोग अलग-अलग होता है:

1. फ्रेश इश्यू (Fresh Issue) – कंपनी को मिलने वाला पैसा

राशि: ₹2,150 करोड़

यह वह पैसा है जो सीधे लेंसकार्ट सॉल्यूशंस को मिलेगा। कंपनी ने इस राशि को मुख्य रूप से विकास और विस्तार पर खर्च करने की योजना बनाई है:

उपयोग का क्षेत्र विवरण

स्टोर नेटवर्क का विस्तार कंपनी के स्वामित्व वाले स्टोरों (Company-Owned Stores) के नेटवर्क को और अधिक फैलाने के लिए पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure)

पट्टा और लाइसेंस भुगतान नए और मौजूदा स्टोरों/सुविधाओं के लिए पट्टा (Lease) और लाइसेंस के भुगतान को वित्तपोषित करना।

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टेक्नोलॉजी और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश अपने टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म, AI-संचालित वर्चुअल ट्राई-ऑन और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर खर्च।

ब्रांड मार्केटिंग ब्रांड की उपस्थिति को मजबूत करने और नए ग्राहकों तक पहुँचने के लिए मार्केटिंग गतिविधियों पर खर्च।

संभावित अधिग्रहण भविष्य में कंपनी के विकास में सहायक हो सकने वाले छोटे व्यवसायों या कंपनियों के अधिग्रहण (Acquisitions) के लिए।

सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य वेतन, प्रशासनिक खर्च और अन्य दैनिक परिचालन जरूरतों को पूरा करना।

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2. ऑफर फॉर सेल (OFS) – मौजूदा शेयरधारकों को मिलने वाला पैसा

राशि: ₹5,128.02 करोड़

सबसे महत्वपूर्ण बात: कंपनी को OFS के हिस्से से कोई पैसा नहीं मिलेगा।

OFS का मतलब है कि कंपनी के वर्तमान प्रमोटर और शुरुआती निवेशक (जैसे प्राइवेट इक्विटी फंड्स) अपने पास रखे कुछ शेयर सार्वजनिक रूप से बेच रहे हैं।

इस बिक्री से मिलने वाला पूरा पैसा मौजूदा शेयरधारकों को जाएगा। यह उनके निवेश से बाहर निकलने (Exit) का एक तरीका है।

शुरुआती निवेशक के लिए निष्कर्ष:

सकारात्मक: फ्रेश इश्यू का पैसा पूरी तरह से विकास (Growth) पर खर्च किया जा रहा है (स्टोर विस्तार, तकनीक, मार्केटिंग), जो भविष्य में कंपनी के लिए अच्छी खबर है।

ध्यान देने योग्य: चूंकि IPO का अधिकांश हिस्सा (लगभग 70%) OFS है, इसलिए यह शुरुआती निवेशकों को लाभ प्रदान करने और उनके लिए बाहर निकलने का अवसर देने के लिए है, न कि पूरी तरह से विकास के लिए पूंजी जुटाने हेतु। यह दिखाता है कि कंपनी के शुरुआती निवेशक मौजूदा उच्च मूल्यांकन पर अपने हिस्से को भुनाना चाहते हैं।

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

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