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Illegal Colonies: सावधान! निशाने पर हैं अनियोजित, अनधिकृत कालोनियां

Illegal Colonies: शहरों में तेजी से बढ़ रही आबादी और बाहरी लोगों के आकर जमीनें खरीदने, लैंड डेवलपर्स द्वारा अनधिकृत कालोनियां का जंगल बनाने पर अब सरकार की नजर है। जनता के लिए ये सतर्क होने का समय है। कहीं ऐसा न हो आपके खून पसीने की कमाई एक झटके में मिट्टी में मिल जाए। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि निर्मित हो चुकी अवैध कालोनियों पर सरकार का क्या रुख रहेगा लेकिन सरकार की मंशा स्पष्ट है बुलडोजर एक्शन अवश्यंभावी है। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नगर निकायों की अनुमति के बिना मानकों का उल्लंघन कर विकसित की जाने वाली कालोनियों और बस्तियों पर शुरू में ही रोक लगाएं। यानी मुख्यमंत्री के आदेश पर एक्शन की खबरें जल्द ही आम होनी शुरू हो जाएंगी। यह सही है कि शहरों में विकास कार्य नियोजित ढंग से होने चाहिए। शापिंग कांप्लेक्स, पार्किंग, रेस्टोरेंट और आडिटोरियम होने चाहिए और इनके लिए पार्किंग का प्रबंध भी होना चाहिए। लेकिन जिस तरह से तेजी के साथ अनधिकृत निर्माण हो रहे हैं वह शहरों की बसावट का स्वरूप ही बिगाड़ रहे हैं।

जैसा कि सभी जानते हैं और जो सीएम योगी के मिजाज से परिचित हैं वह समझ गए होंगे कि तेजी से उगते कंक्रीट के जंगल अब सरकार के निशाने पर आ गए हैं और एक्शन भी होना तय है। नगर विकास विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि कालोनियां विकसित करने की अनधिकृत गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि शहरों की नियोजित संरचना बनी रहे। विकास कार्य नियोजित ढंग से और समन्वित रूप में किए जाएं। विभागों द्वारा अलग-अलग कार्य करने से योजनाएं विलंबित होती साझा कार्ययोजना बनाएं और उसे हैं। इसलिए सभी विभाग मिलकर क्रियान्वित करें।

https://x.com/CMOfficeUP/status/1974522730801201248

Illegal Colonies: एक्शन का मकसद जनता तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना

मुख्यमंत्री का मलिन बस्तियों के विकास पर विशेष जोर है इसीलिए उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों में साफ-सफाई, पेयजल आपूर्ति, जल निकासी, सड़क कनेक्टिविटी और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन बस्तियों के विकास की बल्कि नगर निकाय स्वयं इसकी जिम्मेदारी ठेकेदारों को न दी जाए,ठेकेदारों के बजाय नगर निकाय स्वयं उठाएं बस्तियों के विकास की जिम्मेदारी। मलिन बस्तियों और सार्वजनिक स्थलों पर अधिक से अधिक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाए। सामुदायिक शौचालयों में नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। नगर निकायों से जुड़े नए गांवों में भी मूलभूत सुविधाएं जल्द सुनिश्चित की जाएं जिससे लोगों को परेशानी की स्थिति में जिम्मा पड़े। लापरवाही का सामना न करना पड़े। लापरवाही की जवाबदेही तय की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में जल निकासी व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है। प्रत्येक शहर में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेनेज सिस्टम के सुधार और नई व्यवस्थाओं की नियमित मानिटरिंग की जाए जिससे नागरिकों को बरसात के समय असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी की योजनाओं को इस तरह तैयार राजस्व वृद्धि सुनिश्चित हो। इसके किया जाए, जिससे शहरों का तहत शहरों में शापिंग कांप्लेक्स, समग्र विकास होने के साथ ही मल्टीलेवल पार्किंग, रेस्टोरेंट और आडिटोरियम जैसे प्रोजेक्ट को पीपीपी माडल पर विकसित किया जाए। उन्होंने नियमित और उसके निस्तारण को सुनिश्चित करने के साथ-साथ ठोस और गीले कचरे को अलग करने के कूड़ा उठान लिए नियमित जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है।

 

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Author: Tesari Aankh

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