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बदलते मौसम में ठंड से बचाव के असरदार घरेलू उपाय

बदलता मौसम हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। खासकर जब गर्मी से सर्दी या मानसून से ठंड की ओर बदलाव होता है, तो सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। तापमान में अचानक गिरावट और नमी में बदलाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है। ऐसे समय में थोड़ी सी लापरवाही भी बीमार कर सकती है। इसलिए बदलते मौसम में ठंड से बचाव के उपाय अपनाना बेहद जरूरी हो जाता है, ताकि शरीर स्वस्थ और सक्रिय बना रहे।

सही कपड़ों का चयन

बदलते मौसम में ठंड से बचने के लिए सबसे पहला कदम सही कपड़ों का चुनाव है। दिन में धूप निकलने पर गर्मी महसूस हो सकती है, लेकिन सुबह और रात के समय ठंड बढ़ जाती है। ऐसे में हल्के लेकिन गर्म कपड़े पहनना चाहिए। शरीर को पूरी तरह ढककर रखने से ठंडी हवा का असर कम होता है। सिर, कान और गले को ढकना खासतौर पर जरूरी है, क्योंकि इन्हीं हिस्सों से ठंड जल्दी लगती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

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खानपान पर विशेष ध्यान

ठंड से बचाव में संतुलित और पौष्टिक आहार की भूमिका बहुत अहम होती है। बदलते मौसम में शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा और पोषण की जरूरत होती है। गर्म और ताजा भोजन जैसे दाल, सब्जी, सूप और खिचड़ी शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं। हल्दी वाला दूध, अदरक, लहसुन, तुलसी और शहद जैसे प्राकृतिक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इस मौसम में ठंडे पेय पदार्थ, आइसक्रीम और बाहर के खुले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि ये सर्दी-जुकाम को बढ़ा सकते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें

मौसम बदलने पर इम्युनिटी मजबूत होना बेहद जरूरी है। इसके लिए विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला और अमरूद का सेवन लाभकारी होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे और पर्याप्त पानी पीना भी शरीर को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, योग और प्राणायाम करने से शरीर की ताकत बढ़ती है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है।

साफ-सफाई और स्वच्छता

बदलते मौसम में वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण तेजी से फैलते हैं। ऐसे में साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। हाथों को बार-बार साबुन से धोना, खांसते या छींकते समय मुंह ढकना और गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह न छूना चाहिए। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें या मास्क का इस्तेमाल करें। घर और आसपास की सफाई रखने से भी संक्रमण का खतरा कम होता है।

घरेलू उपाय और जीवनशैली

ठंड से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय बेहद कारगर साबित होते हैं। गुनगुना पानी पीने से गला साफ रहता है और संक्रमण का खतरा कम होता है। भाप लेना, नमक के गुनगुने पानी से गरारे करना और रात में हल्दी वाला दूध पीना सर्दी-जुकाम से राहत दिलाता है। इसके अलावा पर्याप्त नींद लेना और तनाव से दूर रहना भी शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

बदलते मौसम में ठंड से बचना मुश्किल नहीं है, बस जरूरत है सही सावधानियां अपनाने की। उचित कपड़े पहनना, संतुलित आहार लेना, साफ-सफाई रखना और घरेलू उपायों को अपनाकर मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली और जागरूकता ही बदलते मौसम में सेहतमंद रहने का सबसे प्रभावी तरीका है।

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बदलते मौसम में डॉक्टर से कब करें विमर्श: जानना है जरूरी

बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार और अन्य मौसमी बीमारियां आम हो जाती हैं। अधिकतर मामलों में ये समस्याएं घरेलू उपायों से ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी होता है। समय पर चिकित्सकीय परामर्श लेने से बीमारी गंभीर होने से रोकी जा सकती है।

यदि सर्दी, खांसी या बुखार 3–4 दिनों से अधिक समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से विमर्श करना चाहिए। लगातार बुखार, कंपकंपी के साथ तेज ठंड लगना या तापमान बार-बार बढ़ना किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसी तरह, गले में तेज दर्द, निगलने में परेशानी या आवाज बैठना भी डॉक्टर को दिखाने के कारण बन सकते हैं।

सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न या घरघराहट महसूस होना गंभीर लक्षण माने जाते हैं, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए। यदि खांसी के साथ बलगम में खून, पीला या हरा कफ आए, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

बदलते मौसम में यदि शरीर में अत्यधिक कमजोरी, चक्कर आना, भूख न लगना या लगातार थकान बनी रहे, तो यह इम्युनिटी कमजोर होने का संकेत हो सकता है। डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी या कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

छोटे बच्चों और बुजुर्गों में यदि तेज बुखार, बार-बार उल्टी, दस्त या सुस्ती दिखाई दे, तो देरी न करें। इसके अलावा, अगर घरेलू उपाय और दवाइयों के बावजूद लक्षण बिगड़ते जाएं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे सुरक्षित विकल्प है।

कुल मिलाकर, बदलते मौसम में शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। समय पर डॉक्टर से विमर्श न केवल बीमारी को गंभीर होने से रोकता है, बल्कि जल्दी और सुरक्षित स्वस्थ होने में भी मदद करता है।

बदलते मौसम में कौन-सी सब्ज़ियाँ खाएँ: सेहत और इम्युनिटी के लिए पूरी गाइड

बदलता मौसम हमारे शरीर पर सीधा असर डालता है। तापमान में उतार-चढ़ाव, नमी और हवा में बदलाव के कारण सर्दी, खांसी, वायरल बुखार, एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ऐसे समय में खानपान, खासकर सब्ज़ियों का सही चयन करना बेहद जरूरी हो जाता है। मौसमी और पोषक तत्वों से भरपूर सब्ज़ियाँ न केवल शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल्स देती हैं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाती हैं। आइए जानते हैं बदलते मौसम में किन सब्ज़ियों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ

पालक, मेथी, सरसों, बथुआ और चौलाई बदलते मौसम में सबसे ज्यादा फायदेमंद मानी जाती हैं। इनमें आयरन, फाइबर, विटामिन A, C और K भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये सब्ज़ियाँ खून की कमी दूर करने, थकान कम करने और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती हैं। हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ शरीर को डिटॉक्स करने का काम भी करती हैं, जिससे मौसमी संक्रमण का खतरा कम होता है।

गाजर और चुकंदर

गाजर और चुकंदर बदलते मौसम में शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं। गाजर में मौजूद विटामिन A आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ-साथ त्वचा को स्वस्थ रखता है। वहीं चुकंदर आयरन और फोलेट से भरपूर होता है, जो खून बढ़ाने और कमजोरी दूर करने में सहायक है। इन सब्ज़ियों को सलाद, जूस या हल्की सब्ज़ी के रूप में खाया जा सकता है।

लौकी, तोरी और टिंडा

बदलते मौसम में पाचन तंत्र अक्सर कमजोर हो जाता है। ऐसे में लौकी, तोरी और टिंडा जैसी हल्की और पानी से भरपूर सब्ज़ियाँ बहुत फायदेमंद होती हैं। ये सब्ज़ियाँ पेट को ठंडक देती हैं, कब्ज और गैस की समस्या से राहत दिलाती हैं। साथ ही ये शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करती हैं।

कद्दू और शकरकंद

कद्दू और शकरकंद ऊर्जा देने वाली सब्ज़ियाँ हैं, जो बदलते मौसम में शरीर को ताकत प्रदान करती हैं। कद्दू में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C पाया जाता है, जो इम्युनिटी को मजबूत करता है। शकरकंद में फाइबर, विटामिन A और पोटैशियम होता है, जो सर्दी-जुकाम से बचाव और पाचन सुधारने में मदद करता है। ठंड के मौसम की शुरुआत में शकरकंद खासतौर पर लाभकारी माना जाता है।

पत्ता गोभी और फूल गोभी

पत्ता गोभी और फूल गोभी भी बदलते मौसम में खाने योग्य सब्ज़ियों में शामिल हैं। इनमें विटामिन C और फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, जो शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। हालांकि, इन सब्ज़ियों को हमेशा अच्छी तरह पकाकर ही खाना चाहिए, ताकि पेट से जुड़ी समस्याएं न हों।

अदरक, लहसुन और प्याज का महत्व

हालांकि ये मुख्य सब्ज़ियाँ नहीं हैं, लेकिन अदरक, लहसुन और प्याज बदलते मौसम में बेहद उपयोगी होते हैं। अदरक और लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो सर्दी-खांसी से बचाव करते हैं। प्याज शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

किन सब्ज़ियों से करें परहेज

बदलते मौसम में बासी, कटे हुए और ज्यादा ठंडे प्रभाव वाली सब्ज़ियों से बचना चाहिए। बहुत ज्यादा तली-भुनी सब्ज़ियाँ और बाहर की बनी चीजें पाचन बिगाड़ सकती हैं। हमेशा ताज़ी और मौसमी सब्ज़ियाँ ही चुनें।

बदलते मौसम में सही सब्ज़ियों का सेवन स्वस्थ रहने की कुंजी है। हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, गाजर, चुकंदर, लौकी, कद्दू और शकरकंद जैसी सब्ज़ियाँ शरीर को मजबूत बनाती हैं और मौसमी बीमारियों से बचाती हैं। संतुलित आहार, ताज़ी सब्ज़ियाँ और सही दिनचर्या अपनाकर आप बदलते मौसम में भी खुद को फिट और ऊर्जावान रख सकते हैं।



 

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

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