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Mexico City से नेपाल तक: गुस्से में जेनरेशन ज़ेड, छेड़ी नई लड़ाई

Mexico City। मेक्सिको की राजधानी में जेनरेशन जेड (Gen Z) के हजारों युवा सड़कों पर उतर आए हैं — बढ़ते अपराध, राजनैतिक भ्रष्टाचार और दंडहीनता (impunity) के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए। यह प्रदर्शन शुरुआत में शांतिपूर्ण था, लेकिन बाद में हिंसा में तब्दील हो गया। कई युवक–युवतियाँ और पुलिस अधिकारी घायल हुए, दर्जनों गिरफ्तार किए गए।

मेक्सिको सिटी के नागरिक सुरक्षा सचिव पाब्लो वाजक्वेज कैमाचो के मुताबिक मार्च के दौरान करीब 100 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से लगभग 40 को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 20 नागरिकों को भी चोटें आईं और गिरफ्तार किया गया

यह आंदोलन सिर्फ युवा लोगों तक सीमित नहीं रहा। विपक्षी दलों के पुराने समर्थकों ने भी इस मार्च में साथ दिया। कुछ प्रदर्शनकारी उन समर्थकों में शामिल थे, जो हाल ही में मिचोआकेन के मेयर कार्लोस मंज़ो की हत्या के बाद उनकी याद में पुआल की टोपियाँ पहने थे। उन्होंने मेयर मंज़ो की हत्या को भ्रष्टाचार और ड्रग्स-संबंधित हिंसा की सांकेतिक घटना बताया, जो युवाओं की नाराज़गी को और बढ़ाती है।

वेज़क्वेज कैमाचो ने प्रदर्शन के बाद मीडिया को चेतावनी दी कि ऐसे “संगठित समूह” जिन्हें हिंसा पसंद है, आंदोलन को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

ग्लोबल ट्रेंड: मेक्सिको सिर्फ शुरुआत नहीं — अन्य देशों में भी जेन ज़ेड का गुस्सा

मेक्सिको का यह विरोध सिर्फ एक घटना नहीं है — यह बड़े पैमाने पर जेनरेशन ज़ेड की वैश्विक राजनीति सक्रियता की झलक है।

नेपाल में Gen Z क्रांति

  • सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ: नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब) पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके बाद नौजवानों ने विशाल प्रदर्शन किया।

  • हिंसा भड़की, पुलिस और सेना तैनात करनी पड़ी, और कम-से-कम 19 लोगों की मौत हुई।

  • प्रदर्शनकारियों ने “भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और आर्थिक अवसरों की कमी” को भी अपने मुख्य मुद्दों में शामिल किया।

  • आंदोलन की तीव्रता के बाद सरकार ने कुछ प्रतिबंध वापस लिए।

  • यह आंदोलन Wikipedia के अनुसार तब तक बढ़ा कि संसद भवन और अन्य सरकारी इमारतों में आग लगी।

बांग्लादेश में “जुलाई क्रांति”

  • बांग्लादेश में 2024 में एक युवा-नेतृत्व वाला जनादेशी आंदोलन हुआ, जिसे जुलाई रेवोल्यूशन कहा गया है।

  • इस आंदोलन में जेनरेशन ज़ेड की भूमिका प्रमुख रही — उनकी नारेबाज़ी में “अधिनायकवाद, भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी” जैसे मुद्दे थे।

  • वे नौकरी कोटा (quota) प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे थे, जिसे युवा निष्पक्षता और अवसरों की कमी की तरह देखते थे।

  • इस आंदोलन के बाद राजनीतिक हलकों में बदलाव हुआ, और नेतृत्व-संघर्ष के साथ देश में अस्थिरता की लहर भी उठी।

जेनरेशन जेड का गुस्सा — सिर्फ नारा नहीं, शक्तिशाली चेतावनी

इन तीन देशों (मेक्सिको, नेपाल और बांग्लादेश) में Gen Z युवा केवल सोशल मीडिया की बंदी या एक-दो घटना पर नाराज़ नहीं हैं। उनकी नाराज़गी कहीं गहरी है:

https://x.com/FamSeguraRuiz/status/1989933973091352998?s=20

  • भ्रष्टाचार: उनके लिए यह सिर्फ भ्रष्ट नेताओं की बात नहीं, बल्कि एक भ्रष्ट तंत्र की बात है जिसने शासन कोअपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है।

  • दंडहीनता (impunity): अपराधियों को सज़ा न मिलना — चाहे वह हत्याएं हों, नारको-हिंसा हो या राजनीतिक साजिश — युवाओं स्वतंत्रता और न्याय की चाहत रखते हैं।

  • लोकतांत्रिक गिरावट: कुछ युवा नेताओं और पुरानी राजनीतिक एलिट से नाराज़ हैं, जो उन्हें पुरानेपन व शक्ति-संघर्ष का प्रतीक लगते हैं।

  • स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर नियंत्रण: जैसे नेपाल में सोशल मीडिया पाबंदी — उन्हें सिर्फ आवाज़ दबाने की कोशिश दिखाई देती है, न कि सुरक्षा का मर्म।

  • न्याय और जवाबदेही: वे न सिर्फ नीतिगत बदलाव चाहते हैं, बल्कि एक ऐसे शासन की संरचना जिसमें उनकी आवाज़ सुनी जाए और उनकी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो।

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

  • हिंसा का ख़तरा: जैसा कि मेक्सिको सिटी मार्च में देखा गया, शांतिपूर्ण शुरुआत हिंसा में बदल सकती है। यह युवा आंदोलनों का एक कठिन सच है।

  • राजनीतिक हिजैकिंग: विरोध को पुराने दलों द्वारा भी हाइजैक किया जा सकता है, जैसा मेक्सिको में कुछ विपक्षी समर्थकों का जुड़ना दिखाता है।

  • नेतृत्व-विकास: हालांकि युवाओं में ऊर्जा है, लेकिन स्थिर, जवाबदेह और समर्पित नेतृत्व का अभाव समस्या हो सकता है।

  • न्याय और संस्थागत सुधार: सुधार सिर्फ प्रतिरोध से नहीं होगा, उसे नीति-निर्माण, जवाबदेही और कानूनी संरचनाओं में गहराइयों से जोड़ना होगा।

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अगर गौर करें, तो यह सिर्फ राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन नहीं है — यह जेनरेशन जेड की पहचान ट्विस्टिंग पॉइंट है। ये युवा न केवल बदलाव की मांग कर रहे हैं, बल्कि यह संकेत दे रहे हैं कि आने वाली पीढ़ियाँ बेहद सजग, संगठित और जवाबदेहता की राजनीति की दिशा में चलना चाहती हैं

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

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