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डॉ. अजय कुमार: छपरौली के अनुभवी किसान-नेता का राजनीतिक सफर

डॉ. अजय कुमार उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ऐसा नाम हैं, जो शिक्षा, कृषि और जनसेवा—तीनों क्षेत्रों में समान रूप से सक्रिय रहा है। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के वरिष्ठ नेता के रूप में वे बागपत जिले की छपरौली विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र–50) से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। उनका सार्वजनिक जीवन सादगी, क्षेत्रीय सरोकारों और किसान-केंद्रित सोच के लिए जाना जाता है।

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प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

डॉ. अजय कुमार का जन्म 1 नवंबर 1957 को बागपत जिले के वाजिदपुर (बाजिदपुर) गांव में हुआ। उनके पिता डॉ. महक सिंह स्वयं 11वीं विधानसभा के सदस्य रहे, जिससे सार्वजनिक सेवा और राजनीति का संस्कार उन्हें परिवार से ही मिला। उनका सामाजिक परिवेश कृषि-प्रधान रहा, जिसने आगे चलकर उनके राजनीतिक एजेंडे में किसानों की समस्याओं को केंद्रीय स्थान दिया।


शिक्षा और शैक्षणिक उपलब्धियां

डॉ. अजय कुमार उच्च शिक्षित नेता हैं। उन्होंने स्नातकोत्तर शिक्षा के बाद 1997 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। अकादमिक अनुशासन और शोध का अनुभव उनके निर्णयों में व्यावहारिकता और दीर्घकालिक दृष्टि जोड़ता है—जो आज के समय में जनप्रतिनिधियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।


वैवाहिक और निजी जीवन

उन्होंने 13 फरवरी 1985 को श्रीमती मंजू सिंह से विवाह किया। दंपति के दो पुत्र हैं। निजी जीवन में डॉ. अजय कुमार अध्ययन, संगीत और क्रिकेट में रुचि रखते हैं। विदेश यात्रा के अंतर्गत वे चीन भी भ्रमण कर चुके हैं, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय कृषि और विकास मॉडल समझने का अवसर मिला।


पेशेवर अनुभव: कृषि और अध्यापन

राजनीति से पहले डॉ. अजय कुमार का पेशेवर जीवन उल्लेखनीय रहा—

  • एग्रीकल्चर रिसर्च ऑफिसर, कृषि विभाग, राजस्थान (जून 1986–1987)

  • एसोसिएट प्रोफेसर, चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर (सितंबर 1987–फरवरी 2002)

इसके अतिरिक्त वे गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर में पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष (1983–84) भी रहे। यह पृष्ठभूमि उन्हें किसान हितों, कृषि नवाचार और शिक्षा-नीति पर ठोस दृष्टिकोण देती है।


राजनीतिक करियर की शुरुआत (2002)

डॉ. अजय कुमार का विधायी सफर 2002 में शुरू हुआ, जब वे छपरौली विधानसभा से पहली बार 14वीं विधानसभा के सदस्य चुने गए। इस चुनाव में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराकर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की।

14वीं विधानसभा (2002–2007): समितियों में सक्रिय भूमिका

इस कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों में काम किया—

  • प्राक्कलन समिति (2002–2003)

  • प्रतिनिधि विधायी समिति (2003–2005)

  • विधान पुस्तकालय परामर्शदात्री समिति (2004–2005)

इन भूमिकाओं के माध्यम से उन्होंने विधायी प्रक्रियाओं, बजटीय आकलन और संसदीय शोध को मजबूती प्रदान की।


राजनीतिक विराम और वापसी

2007 के बाद कुछ समय तक वे विधानसभा से बाहर रहे, लेकिन जमीनी संपर्क, संगठनात्मक काम और क्षेत्रीय मुद्दों पर सक्रियता बनाए रखी। यही निरंतरता 2022 में उनकी मजबूत वापसी का आधार बनी।


2022 विधानसभा चुनाव: दूसरी ऐतिहासिक जीत

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में डॉ. अजय कुमार ने राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार के रूप में छपरौली सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने मौजूदा विधायक को 29,508 मतों के अंतर से पराजित किया। यह जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता, बल्कि क्षेत्र में आरएलडी की संगठनात्मक ताकत का भी प्रमाण बनी।

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18वीं विधानसभा (2022–वर्तमान): विकास का एजेंडा

मार्च 2022 से वे 18वीं विधानसभा के सदस्य हैं। इस कार्यकाल में उनका फोकस—

  • किसानों की आय बढ़ाने की योजनाएं

  • सिंचाई, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं

  • कृषि-आधारित उद्योग और युवाओं के लिए रोजगार

  • शिक्षा और शोध संस्थानों का सुदृढ़ीकरण

उनकी रणनीति किसान + शिक्षा + स्थानीय विकास के त्रिकोण पर आधारित है।


सामाजिक सरोकार और विशेष अभिरुचियां

डॉ. अजय कुमार सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं। वे अध्ययन, कृषि कार्य, संगीत और क्रिकेट को न केवल शौक के रूप में, बल्कि युवाओं से जुड़ने के माध्यम के रूप में देखते हैं। क्षेत्रीय खेल गतिविधियों और सांस्कृतिक आयोजनों में उनकी भागीदारी जनसंपर्क को और मजबूत करती है।


छपरौली और बागपत के लिए महत्व

छपरौली क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान रखता है। यहां की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। डॉ. अजय कुमार की कृषि-शैक्षणिक पृष्ठभूमि उन्हें इस क्षेत्र के लिए स्वाभाविक प्रतिनिधि बनाती है। वे नीतियों को जमीनी जरूरतों से जोड़ने की कोशिश करते हैं—चाहे वह फसल समर्थन मूल्य हो, सिंचाई परियोजनाएं हों या कृषि अनुसंधान का लाभ किसानों तक पहुंचाना।

डॉ. अजय कुमार का जीवन शिक्षा, कृषि और राजनीति का संतुलित संगम है। दो बार विधायक चुने जाना उनके अनुभव और जनता के भरोसे का प्रमाण है। छपरौली और बागपत के विकास में उनकी भूमिका आने वाले वर्षों में भी महत्वपूर्ण रहने की संभावना है। राष्ट्रीय लोक दल के मंच से वे किसान हितों और क्षेत्रीय विकास की आवाज को मजबूती से आगे बढ़ाते रहे हैं।

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

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