वेब स्टोरी

ई-पेपर

लॉग इन करें

Digital Gold Investments: सेबी की चेतावनी, फायदे, जोखिम और नियम समझें

हाल के वर्षों में डिजिटल गोल्ड निवेश तेजी से लोकप्रिय हुआ है। कई मोबाइल ऐप, फिनटेक प्लेटफॉर्म और डिजिटल वॉलेट इसे वास्तविक सोने की तुलना में आसान, सुरक्षित और सुलभ विकल्प बताकर प्रमोट कर रहे हैं। केवल ₹100 से भी निवेश करने के दावे युवा और छोटे निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।

https://tesariaankh.com/openai-chatgpt-go-free-for-india/

हालांकि, भारतीय बाजार नियामक SEBI ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि डिजिटल गोल्ड को सोने में निवेश का विकल्प बताते समय कई प्लेटफॉर्म भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। डिजिटल गोल्ड SEBI या RBI के सीधे नियमन के तहत नहीं आता, इसलिए इसमें निवेश करते समय सावधानी बेहद जरूरी है।

डिजिटल गोल्ड क्या है?

डिजिटल गोल्ड ऐसा निवेश उत्पाद है जिसमें निवेशक ऑनलाइन सोना खरीद, बेच और सुरक्षित रूप में होल्ड कर सकता है।
आप जितने रुपए का डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं, उतने भौतिक सोने को एक अधिकृत वॉल्ट में आपके नाम पर सुरक्षित रखा जाता है।

भारत में डिजिटल गोल्ड उपलब्ध कराने वाले प्रमुख प्रदाता:

  • MMTC-PAMP

  • SafeGold

  • Augmont

अधिकांश मोबाइल वॉलेट, फिनटेक ऐप और ब्रोकरेज इन्हीं कंपनियों के माध्यम से डिजिटल गोल्ड बेचते हैं।

https://x.com/IndiaTodayFLASH/status/1987726626671779922?s=20

SEBI क्यों कर रहा है चेतावनी?

SEBI ने स्पष्ट किया है कि:

  • डिजिटल गोल्ड न तो सिक्योरिटी है

  • न ही कमॉडिटी डेरिवेटिव

  • यानी यह SEBI के नियमन के दायरे में नहीं आता

इसी तरह यह RBI या किसी अन्य नियामक के अधीन भी पूरी तरह नहीं है।

इसलिए यदि डिजिटल गोल्ड बेचने वाला प्लेटफ़ॉर्म बंद हो जाए, दिवालिया हो जाए या डेटा/कानूनी विवाद हो जाए, तो निवेशक अपनी राशि वापस पाने की कानूनी गारंटी नहीं रखता।

डिजिटल गोल्ड के फायदे

फायदा विवरण
1. आसान और सुविधाजनक मोबाइल से कभी भी खरीदें या बेचें
2. सुरक्षित स्टोरेज सोना वॉल्ट में बीमा सहित सुरक्षित रहता है
3. छोटे निवेश की सुविधा 1 ग्राम से भी कम में निवेश संभव
4. शुद्धता की गारंटी 24 कैरेट यानी 99.9% शुद्ध सोना
5. आसानी से बेचने की सुविधा मार्केट प्राइस पर तुरंत बिक्री हो सकती है
6. कोई मेकिंग चार्ज नहीं आभूषण खरीदने जैसा अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता

डिजिटल गोल्ड में जोखिम क्या हैं?

जोखिम विवरण
1. नियामक नियंत्रण का अभाव SEBI / RBI के पास सीधा नियंत्रण नहीं
2. प्लेटफॉर्म जोखिम कंपनी बंद होने पर दावा कठिन
3. स्टोरेज शुल्क आमतौर पर 5 साल बाद वॉल्ट चार्ज देना पड़ता है
4. फिजिकल डिलीवरी पर अतिरिक्त शुल्क मेकिंग चार्ज, डिलीवरी चार्ज, GST आदि

टैक्स कैसे लगता है?

अवधि टैक्स नियम
3 साल से पहले बेचा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन → आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स
3 साल बाद बेचा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन → 20% टैक्स + इंडेक्सेशन बेनिफिट
खरीदते समय 3% GST लागू

कैसे खरीदें और बेचें? (प्रक्रिया सरल)

  1. किसी भरोसेमंद प्लेटफ़ॉर्म या बैंकिंग ऐप से डिजिटल गोल्ड खरीदें

  2. सोना सुरक्षित वॉल्ट में आपके नाम पर जमा हो जाता है

  3. होल्डिंग मोबाइल ऐप में दिखाई देती है

  4. चाहें तो बाद में इसे बेचकर पैसा बैंक में ले सकते हैं

  5. या सिक्के/बार बनवाकर भौतिक रूप में डिलीवरी भी ले सकते हैं

SEBI की निवेशकों के लिए सलाह

  • केवल मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से ही खरीदें

  • शुद्धता और स्टोरेज सर्टिफिकेट जरूर मांगें/डाउनलोड करें

  • सभी शर्तें, चार्ज और समय-सीमा ध्यान से पढ़ें

  • निवेश को विविध रखें — केवल डिजिटल गोल्ड पर निर्भर न रहें

डिजिटल गोल्ड सुविधाजनक और आधुनिक निवेश विकल्प है, लेकिन सीमाएँ और जोखिम भी साथ आते हैं
यदि आप इसे कम अवधि या छोटे निवेश के लिए उपयोग कर रहे हैं, तो यह उपयोगी हो सकता है।
लेकिन लंबी अवधि के सुरक्षा निवेश के लिए सोना ETF, गोल्ड फंड या भौतिक सोना अधिक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

Leave a Comment

और पढ़ें
और पढ़ें