नई दिल्ली: आधुनिक कॉर्पोरेट जगत में अक्सर कर्मचारियों के विकास को महंगा और समय लेने वाला माना जाता है। लेकिन, मानव संसाधन (HR) विश्लेषकों का मानना है कि व्यापार में असाधारण वृद्धि (Extraordinary Growth) और नवाचार (Innovation) लाने का सबसे सस्ता और प्रभावी तरीका कर्मचारियों के बीच किताबें पढ़ने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना है।
HR विश्लेषक बेन यूबैंक्स (Ben Eubanks) ने इस विषय को विवादास्पद लेकिन आवश्यक बताते हुए इस बात पर जोर दिया है कि कंपनियों को न केवल पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, बल्कि इसे कर्मचारियों के प्रदर्शन का एक अपेक्षित हिस्सा भी बनाना चाहिए।
पढ़ने की प्रवृत्ति क्यों है कारोबार की ‘सीक्रेट वेपन’?
यूबैंक्स और अन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि सफल लोगों में पढ़ने की प्रवृत्ति एक सार्वभौमिक गुण है। यह कोई संयोग नहीं है। कंपनियाँ कर्मचारियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करके निम्न लाभ उठा सकती हैं:
- ज्ञान का हस्तांतरण (Knowledge Transfer): किताबें कर्मचारियों को उद्योग के सर्वश्रेष्ठ विचारों, सफल केस स्टडीज और नई कार्यप्रणाली से परिचित कराती हैं, जिससे वे अपनी भूमिकाओं में तुरंत सुधार कर सकते हैं।
- चर्चा से विकास (Development Through Discussion): यूबैंक्स के अनुसार, PowerPoint प्रस्तुतियों की तुलना में किसी किताब पर होने वाली चर्चा कहीं अधिक मूल्यवान होती है। जब कर्मचारी एक ही विचार को पढ़ते हैं और फिर उस पर बहस करते हैं, तो विचारों की गहराई और समझ कई गुना बढ़ जाती है, जो सीधे कंपनी की संस्कृति को मजबूत करती है।
- समस्या-समाधान की क्षमता: किताबें कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझने के नए दृष्टिकोण और उपकरण प्रदान करती हैं, जिससे वे कार्यस्थल पर आने वाली चुनौतियों का समाधान अधिक रचनात्मक ढंग से कर पाते हैं।
- संस्कृति का निर्माण (Culture Building): प्रबंधन द्वारा चुनी गई किताबें कंपनी के मुख्य दर्शन (Core Philosophy) और वांछित संस्कृति को कर्मचारियों के भीतर गहरे तक उतारने का काम करती हैं।
कोट (Quote): “लोग जो सफल होते हैं, वे अक्सर पढ़ने के प्रति दीवाने होते हैं। वे इसके लिए समय निकालते हैं क्योंकि वे इसकी महत्ता समझते हैं, और यह एक तरह का ‘सीक्रेट वेपन’ है।” — बेन यूबैंक्स
प्रतिस्पर्धा और प्रोत्साहन: ज्ञान की परीक्षा से परिणाम
कर्मचारियों में पढ़ने की प्रवृत्ति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, कंपनियों को सिर्फ किताबें उपलब्ध कराने से आगे बढ़ना होगा। उन्हें ऐसी प्रतिस्पर्धाओं और ढाँचों की आवश्यकता है जो ज्ञान के उपयोग को प्रोत्साहित करें:
1. प्रदर्शन और विकास में पढ़ना
HR विश्लेषक यूबैंक्स ने स्वयं प्रदर्शन चर्चाओं (Performance Discussions) में किताबों का उपयोग किया है—चाहे वह सकारात्मक विकास (Succession Planning) के लिए हो या प्रदर्शन सुधार (Performance Improvement) के लिए। प्रबंधन विशिष्ट कर्मचारियों को ऐसी किताबें सौंप सकता है जो उन्हें किसी विशेष कौशल को सीखने या किसी नई चुनौती के लिए तैयार करने में मदद करें।
2. ज्ञान-आधारित प्रतिस्पर्धाएँ आयोजित करें
केवल पढ़ने से काम नहीं चलेगा, कर्मचारी ने उस ज्ञान को कैसे समझा और लागू करने की योजना बनाई, इसकी परीक्षा आवश्यक है।
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- पुस्तक समीक्षा और रिपोर्ट: कर्मचारियों को एक निर्धारित पुस्तक पढ़ने के बाद उसकी एक संक्षिप्त रिपोर्ट या वीडियो सारांश जमा करने के लिए कहें।
- ‘आइडिया इम्प्लीमेंटेशन’ चैलेंज: प्रतिस्पर्धाएँ आयोजित करें जहाँ कर्मचारी बताएं कि उन्होंने किताब से सीखा हुआ एक विचार अपने विभाग या ग्राहक सेवा में कैसे लागू करेंगे।
- सीढ़ी दर सीढ़ी विकास (Levels Plan): घंटे के आधार पर (Hourly) काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी इसे प्रोत्साहन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसा कि एक HR पेशेवर एलिसा ने टिप्पणी की:
- नियम: यदि कर्मचारी एक या अधिक निर्धारित पुस्तकें पढ़ते हैं और उस पर रिपोर्ट देते हैं, तो उन्हें पदोन्नति (Promotion) और वेतन वृद्धि (Raise) जैसे प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं।
- स्पष्टीकरण: यह एक ग्रे एरिया हो सकता है। यदि पढ़ना अनिवार्य है, तो नियोक्ता को वैतनिक कर्मचारियों के लिए भी उस समय का भुगतान करना पड़ सकता है। लेकिन इसे विकास का स्वैच्छिक रास्ता बनाकर, इसे वेतन वृद्धि से जोड़ा जा सकता है: “यदि आप व्यावसायिक रूप से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो ये संसाधन आपके लिए हैं।”
3. कॉर्पोरेट लाइब्रेरी की स्थापना
कंपनियों को एक समर्पित लाइब्रेरी या ई-बुक एक्सेस स्थापित करना चाहिए, जिसमें केवल उद्योग-विशिष्ट किताबें ही नहीं, बल्कि नेतृत्व, ग्राहक सेवा, मार्केटिंग और संस्कृति पर भी पुस्तकें हों। इससे कर्मचारी किसी भी समय अपने ज्ञान को बढ़ाने में सक्षम होंगे।
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नेतृत्व हमेशा पढ़ता है। यदि संगठन अपने कर्मचारियों के सभी स्तरों पर नेतृत्व क्षमता विकसित करना चाहते हैं, तो उन्हें ज्ञान और विकास की कुंजी देनी होगी। किताब पढ़ना कोई विलासिता (leisure) नहीं है; यह एक निवेश है। यदि एक किताब से एक भी ऐसा विचार मिल जाए जो आपके दिन-प्रतिदिन के काम को बदल दे, तो वह निवेश आपके और आपके कारोबार के लिए पूरी तरह से सार्थक है।
क्या आपकी कंपनी भी इस ‘सीक्रेट वेपन’ को अपनाकर ग्रोथ की नई राह पर चलने को तैयार है?









