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Viksit Bharat: विकसित पंचायतें जन योजना अभियान 2025-26 शुरू

Viksit Bharat: भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने की नींव पंचायतों में रखी जा रही है। पंचायती राज मंत्रालय ने जन योजना अभियान (PPC) 2025-26 शुरू कर दिया है, जिसकी थीम है “सबकी योजना, सबका विकास”। जानिए यह अभियान क्या है, यह कैसे काम करता है और क्यों यह ग्रामीण शासन को मजबूत करने और भागीदारी पूर्ण लोकतंत्र के माध्यम से समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए इतना महत्वपूर्ण है।

भागीदारी पूर्ण लोकतंत्र की नींव: जन योजना अभियान (पीपीसी)

ग्राम पंचायतें भारतीय त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की आधारभूत इकाई हैं, जिन्हें 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के तहत ग्रामीण शासन और विकास का दायित्व सौंपा गया है। संविधान का अनुच्छेद 243जी पंचायतों को स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं के रूप में आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजनाएं बनाने का अधिकार देता है।

जन योजना अभियान (PPC) की शुरुआत 2 अक्टूबर 2018 को “सबकी योजना, सबका विकास” थीम के तहत की गई थी। यह एक मिशन मोड अभियान है जिसका उद्देश्य हर साल लोगों की भागीदारी से पंचायत विकास योजनाएँ (PDP) तैयार करना है।

पीपीसी का लक्ष्य: समयबद्ध और समावेशी नियोजन

जन योजना अभियान का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण, मध्यवर्ती (ब्लॉक) और जिला स्तर पर समयबद्ध तरीके से ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP), ब्लॉक पंचायत विकास योजना (BPDP) और जिला पंचायत विकास योजना (DPDP) तैयार करना है।

अभियान के मुख्य उद्देश्य:

जनभागीदारी बढ़ाना: ग्राम सभा की बैठकों में निर्वाचित प्रतिनिधियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूहों (SHG) और आम समुदाय के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना।
सतत विकास लक्ष्यों (SDG) का स्थानीयकरण: योजनाओं में SDG के नौ विषयगत दृष्टिकोणों को शामिल करना, जिससे विकास राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हो।

पारदर्शिता और जवाबदेही: ई-ग्राम स्वराज जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके योजनाओं, वित्त और कार्यक्रमों का विवरण सार्वजनिक करना।

महिलाओं का सशक्तीकरण: योजना प्रक्रिया में महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों और स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देना।

पीपीसी 2025-26: विकसित भारत के लिए तैयारी

पंचायती राज मंत्रालय ने 2 अक्टूबर 2025 को जन योजना अभियान 2025-26 का शुभारंभ किया, जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए पंचायत विकास योजनाओं की तैयारी शुरू हो गई है।

प्रमुख फोकस बिंदु:

डिजिटल समीक्षा: ग्राम सभाएँ ई-ग्राम स्वराज और मेरी पंचायत ऐप का उपयोग करके पिछली GPDPs की समीक्षा करेंगी, कार्यों की प्रगति का आकलन करेंगी और अटकी हुई परियोजनाओं को प्राथमिकता देंगी।

पंचायत विकास सूचकांक (PDI): नियोजन प्रक्रिया पंचायत विकास सूचकांक (PDI) द्वारा निर्देशित होगी, जो विकास के मापदंडों को तय करेगा।

जनजातीय सशक्तिकरण: अभियान में ‘अदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मंत्रालय 20 संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि सभी सरकारी योजनाओं का समावेश GPDP में हो सके।

उपलब्धियाँ: भागीदारी का मजबूत प्रमाण

पीपीसी की शुरुआत के बाद से, ज़मीनी स्तर पर नियोजन में बड़ी सफलता मिली है। 2019-20 से 2025-26 (29 जुलाई 2025 तक), ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर 18.13 लाख से अधिक पंचायत विकास योजनाएं अपलोड की गई हैं, जिनमें 17.73 लाख से अधिक ग्राम पंचायत विकास योजनाएँ (GPDP) शामिल हैं। यह आँकड़ा ग्रामीण भारत में भागीदारी पूर्ण नियोजन की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है।

सशक्त पंचायतें, विकसित राष्ट्र

जन योजना अभियान ग्रामीण समुदायों के लिए मजबूत सेवा वितरण, समावेशी विकास और बेहतर परिणामों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और SDG के स्थानीयकरण पर ज़ोर देकर, पीपीसी अधिक उत्तरदायी, सशक्त और आत्मनिर्भर पंचायतों का निर्माण कर रहा है, जो अंततः विकसित भारत के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

 

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

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