Google: गूगल ने हाल ही में अपने जेमिनी एआई-सक्षम Nest Cams, स्मार्ट डोरबेल और होम स्पीकर को लॉन्च किया है। यह लॉन्च न केवल स्मार्ट होम टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नई छलांग है बल्कि भारत जैसे तेजी से डिजिटल होते देश में इसके व्यापक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव के लिए भी अहम है। सबसे पहला सवाल यह है कि भारतीय परिवेश पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। सुरक्षा और स्मार्ट होम कल्चर की बात करें तो भारतीय शहरी क्षेत्रों में बढ़ती सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए, एआई-पावर्ड Nest Cams और स्मार्ट डोरबेल्स लोगों की जीवनशैली में बदलाव ला सकते हैं। उधर ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में की संभावनाएं बढ़ेंगी क्योंकि यह तकनीक शहरों तक सीमित दिखती रही है, लेकिन समय के साथ डिजिटल इंडिया और 5G विस्तार से इसकी पहुंच छोटे कस्बों तक निश्चित रूप से बढ़ेगी। इसी तरह प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा का अहम सवाल है। भारत में डिजिटल निजता (Privacy) और डेटा प्रोटेक्शन पर पहले से ही बहस चल रही है। गूगल के एआई डिवाइस भारतीय उपभोक्ताओं को सुविधा देंगे, लेकिन साथ ही व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को लेकर नए प्रश्नों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
गूगल का असरः सबसे खास बात भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर। इनके आने से स्मार्ट डिवाइस मार्केट में उछाल आना तया है। वर्तमान में भारत का स्मार्ट होम मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। गूगल के एआई डिवाइस इस सेक्टर में नई प्रतिस्पर्धा और निवेश लाएँगे। यदि गूगल भारत में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देता है, तो इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं। इसके अलावा भारतीय उपभोक्ता मूल्य-संवेदनशील होते हैं। यदि ये उत्पाद महंगे रहे, तो इनकी पहुँच सीमित वर्ग तक ही रहेगी। गूगल को भारतीय बाजार में सफल होने के लिए सस्ते वेरिएंट या लोकलाइज्ड मॉडल लाने होंगे।आखिरी सवाल क्या गूगल भारतीय बाजार पर ‘टेकओवर’ करना चाहता है? मोटे तौर पर यह माना जा रहा है कि गूगल का उद्देश्य सीधे टेकओवर करना नहीं दिखता, बल्कि वह भारत को अपने एआई इकोसिस्टम का बड़ा उपभोक्ता बाजार मान रहा है। अमेज़न (Alexa), एप्पल (HomePod) और भारतीय ब्रांड्स के बीच अब गूगल को जगह बनानी होगी। लोकलाइजेशन (भारतीय भाषाओं में सपोर्ट), किफायती दाम और डेटा सुरक्षा की गारंटी गूगल की सफलता की कुंजी होगी। गूगल के एआई डिवाइस भारत में स्मार्ट टेक्नोलॉजी के नए अध्याय की शुरुआत कर सकते हैं। यह सुरक्षा, सुविधा और डिजिटल लाइफस्टाइल में सुधार लाएंगे, लेकिन डेटा प्राइवेसी, कीमत और स्थानीय प्रतिस्पर्धा इसके भविष्य को तय करेंगे।








