9 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चल रही बहस के बीच बिहार के सीमांचल से एक बुजुर्ग की चीख गूंज रही है — “मेरा नाम वोटर लिस्ट से कटा, तो क्या मैं अब घुसपैठिया?” विशेष गहन संशोधन (SIR) में लाखों नाम कटे, घुसपैठियों की ‘पहचान’ का नारा, विपक्ष का ‘मिनी-NRC’ आरोप। क्या वोटर लिस्ट सफाई नागरिकता पर हमला है? क्या निर्दोष कट रहे? क्या CAA-NRC से लिंक? क्या BLO मनमानी? क्या ग्रामीण-महिलाएं सबसे प्रभावित? यह विशेष रिपोर्ट तथ्यों, आंकड़ों, जमीनी कहानियों और संबंधित सवालों के स्पष्ट उत्तर देती है।
SIR का चेहरा: लाखों नाम कटे, लेकिन घुसपैठिए कितने?
ECI ने बिहार (जुलाई 2025 से), असम, बंगाल, केरल आदि 12 राज्यों में SIR चलाया। BLO घर-घर जाकर फॉर्म-6 भरवाते: मृत/डुप्लिकेट/स्थानांतरित हटाना। बिहार आंकड़े: 7.89 करोड़ से घटकर 7.42 करोड़ वोटर — 68.6 लाख नाम कटे (6% कमी)। लेकिन सिर्फ 6,000 मामलों में “गैर-भारतीय नागरिकता” कारण। बाकी: मौत (40%), माइग्रेशन (30%), डुप्लिकेट (25%)।
असम/बंगाल: सीमावर्ती जिलों में रोहिंग्या/बांग्लादेशी संदिग्ध। ECI: RP Act 1950 धारा 16 और संविधान अनुच्छेद 326 पर आधारित — “सिर्फ नागरिकों को वोट”। नाम कटने पर नोटिस + आपत्ति का मौका।
मानवीय कहानी: पटना की झुराना देवी (65 वर्ष): “1987 से पहले पैदा, लेकिन जन्म प्रमाणपत्र न होने से कटा। BLO ने कहा, ‘आधार मत लाओ।'” परिवार ने फॉर्म-7 से बहाल कराया।
सवाल 1: नाम कटने से नागरिकता खतरे में? — बिल्कुल नहीं!
नहीं। वोटर लिस्ट और नागरिकता अलग प्रक्रियाएं:
| प्रक्रिया | उद्देश्य | कानूनी आधार | नाम कटने का परिणाम |
|---|---|---|---|
| SIR (वोटर सफाई) | फर्जी/मृत हटाना | RP Act 1950, Art 326 | वोटिंग अधिकार रद्द; नागरिकता बरकरार |
| नागरिकता जांच (NRC/CAA) | घुसपैठ साबित/रद्द | Citizenship Act 1955, CAA | नागरिकता ग्रांट/रद्द; फिर वोटर अपडेट |
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ECI स्पष्ट: “हम कोर्ट नहीं, सिर्फ लिस्ट क्लीनर।” SC: “ECI नागरिकता तय न करे।” CAA माइग्रेंट्स को मान्यता मिले तो वोटर लिस्ट जुड़ेगी।
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पुनर्स्थापना: फॉर्म-7 से अपील। बिहार में हजारों बहाल। लेकिन देरी से डर।
संबंधित सवाल: क्या निर्दोष कट रहे? हां, BLO मनमानी से। बिहार में महिलाओं के डुप्लिकेट (मायका-ससुराल) ज्यादा कटे। गरीब/ट्राइबल दस्तावेज न होने से प्रभावित।
सवाल 2: घुसपैठियों से चुनाव सुधार का क्या लिंक?
हां, लेकिन सीमित। योगी आदित्यनाथ: “UP-Bihar बॉर्डर पर घुसपैठिए वोटर लिस्ट में घुसे। SIR से साफ।” दानापुर रैली: बुरqa वेरिफिकेशन पर RJD-Congress पर हमला। ECI: 1987 कटऑफ — अवैध माइग्रेंट्स (बांग्लादेशी/रोहिंग्या) फर्जी आधार से घुसे। 6 राज्यों में रिव्यू।
आंकड़े: बिहार सीमांचल में 6,000 संदिग्ध। प. बंगाल ‘क्लीन-अप’। लेकिन कुल कटने वालों में विदेशी <1%।
संबंधित सवाल: क्या यह छिपा NRC/CAA? विपक्ष: “हां, गरीब/मुस्लिम टारगेट।” असम anti-CAA: “NRC से बाहर मुसलमान वोट खोएंगे।” ECI: “रूटीन (2003 के बाद पहली बिहार SIR)।” RSS-BJP: राष्ट्रीय सुरक्षा।
मानवीय चेहरा: अररिया के रामू मियां: “घर के पास बांग्लादेशी आए, वोट ले लिए। SIR ने मेरे भाई को काटा — निर्दोष!”
सवाल 3: दस्तावेज विवाद — आधार/वोटर ID क्यों नाकाफी?
SC निर्देश: आधार सहायक ID (12वें दस्तावेज), लेकिन नागरिकता/निवास साबित नहीं। मुख्य: पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र। 1987 से पहले: जन्मस्थान।
ग्रामीण संकट: 70% प्रभावितों के पास सिर्फ आधार/राशन कार्ड। महिलाएं सबसे ज्यादा (डुप्लिकेट)। सुधार सुझाव: BLO ट्रेनिंग, मोबाइल वैन, सरल फॉर्म।
संबंधित सवाल: महिलाएं/गरीब क्यों सबसे प्रभावित? डुप्लिकेट एंट्री, दस्तावेज न होना। बिहार: 3.66 लाख महिलाएं कटीं।
सवाल 4: राजनीतिक रणनीति — BJP को फायदा?
सरकार: SIR से ‘वन पर्सन, वन वोट’ — फर्जीवाड़ा रुकेगा। 2026 UP-Bihar चुनाव से पहले घुसपैठ ‘क्लीन’। विपक्ष: “मिनी-NRC, अल्पसंख्यक वोट काटो।” तेजस्वी/ममता: बहिष्कार/प्रोटेस्ट।
ECI बचाव: राजनीतिक दलों से सलाह। SC स्टे खारिज। लेकिन ‘बीयरडाउन’ पर सवाल।
संबंधित सवाल: क्या CAA-NRC से लिंक? CAA नियम अधिसूचित न होने से लिंक अधूरा। SIR पहले।
सवाल 5: क्या समाधान? जनता की मांगें
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BLO दिशानिर्देश सख्त।
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डिजिटल अपील पोर्टल।
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ग्रामीण जागरूकता कैंप।
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1987 कटऑफ लचीला।
अंतिम कहानी: सीमांचल की फातिमा: “वोट गया तो आवाज गई। लेकिन नागरिकता बची — बस प्रक्रिया आसान करो।” संसद बहस आज फैसला ले: शुद्ध लोकतंत्र या जन-डर? सुधार अपरिहार्य, लेकिन मानवीय।
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