Yogi Model: उत्तर प्रदेश के गांवों, खेतों और शहरों से एक मानवीय यात्रा — जहां नीतियां लोगों की कहानियां बन गईं
बुच्चाखेड़ी का चौपाल: जहां किसानों ने पाई नई उम्मीद
शामली जिले के बुच्चाखेड़ी गांव में 8 दिसंबर 2025 को सुबह की ठंडी हवा के बीच 450 से अधिक किसान इकट्ठा हुए। यह कृषि चौपाल का छठवां पड़ाव था, लेकिन यहां मौजूद हर चेहरे पर एक अलग चमक थी — सफलता और संतुष्टि की। गन्ना किसान शाहिद चौधरी ने माइक थामते हुए कहा, “गन्ना हमारे लिए सिर्फ फसल नहीं, सम्मान है। योगी सरकार ने इस सम्मान को 30 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर मजबूत किया।”
उनके बगल में खड़े मास्टर गुलाब ने अपनी कहानी साझा की। “पहले बिजली की कटौती से खेत सूख जाते थे। अब 75 जिलों में समान बिजली पहुंच रही है। खेती अब फायदे का धंधा बन गई।” किसान सादिक हसन ने 2017 से पहले की त्रासदी याद दिलाई — “घर से मवेशी चोरी हो जाते, रात में महिलाएं डरतीं। अब अपराधी डरते हैं, हम बेफिक्र।” यह चौपाल केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि योगी मॉडल की जमीन पर उतरती सफलता का जीवंत प्रमाण था, जहां किसान केंद्रित नीतियां ने ग्रामीण जीवन को नई दिशा दी।
गन्ना किसानों को तोहफा: 36 हजार करोड़ के कर्जमाफी से अब 30 रुपये की बढ़ोतरी
2017 में सत्ता संभालते ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया, जो देश का सबसे बड़ा ऐसा कदम था। 86 लाख छोटे-सीमांत किसानों को 1 लाख तक का राहत मिली। अब 2025-26 पेराई सत्र में गन्ने का दाम अगेती किस्म के लिए 370 से बढ़ाकर 400 रुपये और सामान्य के लिए 360 से 390 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। इससे किसानों को 3,000 करोड़ का अतिरिक्त लाभ होगा — योगी कार्यकाल की चौथी बढ़ोतरी।
किसान गोवर्धन चौहान जैसे अन्नदाता कहते हैं, “न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 48 घंटे में भुगतान मिलता है। बिजली, पानी और बाजार सब उपलब्ध। यूपी अब उद्यमियों की पहली पसंद है।” यह नीति उत्पादन लागत का सम्मान करती है, जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही, क्योंकि गन्ना अब केवल खेती नहीं, बल्कि उद्योग से जुड़ा स्रोत है।
एथेनॉल क्रांति: किसान से उद्योग तक का सुनहरा चक्र
लखनऊ में आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह के आंकड़े चौंकाते हैं — नवंबर 2025 तक यूपी ने 141.8 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादित किया, जो रिकॉर्ड है। इसमें 105.25 करोड़ लीटर राज्य में और 40.96 करोड़ बाहर बिका। पारदर्शी आबकारी नीति ने यूपी को देश का एथेनॉल हब बना दिया। 125 एमओयू से 3.07 लाख करोड़ निवेश, 43 रेडी-टू-लॉन्च प्रोजेक्ट से 6,898 करोड़, और कुल 9,940 रोजगार सृजन।
एक ग्रामीण युवा, जो एथेनॉल प्लांट में काम करता है, कहता है, “पहले शहर भागना पड़ता था। अब गांव में ही नौकरी। गन्ना बेचो, एथेनॉल बने, रोजगार मिले — यह चक्र योगी मॉडल है।” ईज ऑफ डूइंग बिजनेस ने बड़े कॉरपोरेट से एमएसएमई तक को आकर्षित किया, जो वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का आधार बनेगा। ग्रामीण आय बढ़ी, प्रवास रुका।
| पहलू | आंकड़े (2025) | प्रभाव |
|---|---|---|
| एथेनॉल उत्पादन | 141.8 करोड़ लीटर | यूपी एथेनॉल हब |
| निवेश प्रस्ताव | 3.07 लाख करोड़ | 9,940 रोजगार |
| गन्ना लाभ | 3,000 करोड़ अतिरिक्त | किसान आय दोगुनी |
काशी तमिल संगमम: उत्तर-दक्षिण का सांस्कृतिक पुल
2 दिसंबर 2025 से शुरू हुए काशी तमिल संगमम-4.0 में तमिलनाडु से 1,400 प्रतिनिधि आए। चेन्नई की मोनालीसा बोलीं, “योगी जैसा सीएम हमारे यहां होता तो शहर और विकसित होता। महिला सुरक्षा शानदार।” पुडुचेरी के आर्किटेक्ट पृथ्वीराज ने कहा, “काशी का हेरिटेज रिवाइव, इंफ्रा बेहतरीन।” तिलकवदी ने सड़कों के बदलाव की तारीफ की।
https://x.com/Pe4seve9ra5ceup/status/1996646461971554790?s=20
एक भारत श्रेष्ठ भारत की थीम पर 50 स्कूलों में तमिल सिखाया गया, 1,500 छात्रों ने सीखा। प्रतिनिधियों ने कानून व्यवस्था, सौंदर्यीकरण को 10/10 दिया। यह आयोजन सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना, जहां योगी मॉडल ने गुड गवर्नेंस की मिसाल कायम की। वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या भ्रमण ने बदलाव दिखाया — संकरी गलियां चौड़ी, यातायात सुगम।
प्रयागराज माघ मेला: रोशनी से जगमगाता आस्था का तट
3 जनवरी 2026 से लगने वाले माघ मेले को दिव्य, भव्य, नव्य बनाने की तैयारी जोरों पर। 260 वृक्षों पर नियॉन-स्पाइरल लाइट्स, 23 सड़कों पर शंख-चक्र-त्रिशूल मोटिव्स। एयरपोर्ट से संगम तक जगमगाहट। 150 करोड़ के बजट से 11,000 स्ट्रीट लाइट्स, 28 वार्ड रोशन।
https://tesariaankh.com/yogi-adityanath-up-governance-model-national-impact/
नगर निगम के डॉ. संजय कटियार कहते हैं, “महाकुंभ 2025 की तर्ज पर श्रद्धालु हर मार्ग पर आलोकित दृश्य देखेंगे।” एक स्थानीय निवासी बोला, “पहले अंधेरा डराता था, अब रोशनी आस्था जगाती।” यह इंफ्रा + संस्कृति का मॉडल है, जो पर्यटन बढ़ाएगा।
सामाजिक सुरक्षा: अंत्योदय से सर्वोदय तक का सफर
योगी सरकार का सामाजिक मॉडल मानव केंद्रित है। 4.77 लाख जोड़ों का सामूहिक विवाह, 1 लाख रु. अनुदान। अभ्युदय योजना से 743+ युवा सफल। कोविड अनाथों के लिए बाल सेवा योजना। करोड़ों को 5 किलो मुफ्त राशन, अंत्योदय को 35 किलो + चीनी। उज्जवला, पेंशन में अल्पसंख्यक-वंचित प्राथमिकता।
एक लाभार्थी महिला ने कहा, “पेंशन से बुजुर्ग सम्मानित, छात्रवृत्ति से बेटियां पढ़ीं। कोई भेदभाव नहीं।” यूपी सबसे बड़ा लाभार्थी राज्य बना। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने पारदर्शिता सुनिश्चित की।
| योजना | लाभार्थी/लाभ | प्रभाव |
|---|---|---|
| कर्जमाफी | 86 लाख किसान, 36k Cr | ग्रामीण पुनरुत्थान |
| विवाह योजना | 4.77 लाख जोड़े, 1L रु. | गरीबी कम |
| राशन | करोड़ों परिवार | भुखमरी मुक्त |
इंफ्रा और सुरक्षा: विकास का दोहरा इंजन
हर जिले में सड़कें, एक्सप्रेसवे। जीरो टॉलरेंस से अपराध घटा — रात 12 बजे भी सुरक्षित। निवेश बढ़ा, पलायन रुका। बुच्चाखेड़ी से काशी तक एक ही कहानी — विश्वास।
योगी मॉडल की ताकत: नीति + मानवता का संतुलन
यह मॉडल पारदर्शी, समावेशी, सांस्कृतिक है। किसान शाहिद की मुस्कान, युवा का रोजगार, मोनालीसा की तारीफ — सब इसका प्रमाण। यूपी बदल रहा, भारत प्रेरित हो रहा।








