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Anil Ambani: सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड केस : क्या है अनिल अम्बानी का सच

अनिल अंबानी एक बार फिर चर्चा में हैं, और इस बार वजह है बैंक फ्रॉड केस में उनकी ईडी जांच। शुक्रवार को उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दिल्ली मुख्यालय में दूसरे राउंड की पूछताछ के लिए पेश होना था, लेकिन वे व्यक्तिगत रूप से नहीं पहुंचे। उनकी ओर से यह प्रस्ताव जरूर भेजा गया कि वे वर्चुअल मोड से पूछताछ में शामिल होने को तैयार हैं। हालांकि ईडी सूत्रों के मुताबिक उन्हें अभी तक ऐसा कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है।

आखिर बैंक फ्रॉड मामला है क्या?

यह पूरा विवाद रिलायंस एडीएजी समूह की उन कंपनियों से जुड़ा है, जिन पर बैंकों से हजारों करोड़ रुपये के लोन लेकर उन्हें वापस न चुकाने और कथित रूप से धन का गलत इस्तेमाल करने के आरोप हैं।
ईडी की जांच मुख्य रूप से 17,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले को लेकर चल रही है। इसी आधार पर अगस्त में अनिल अंबानी से लगभग नौ घंटे की लंबी पूछताछ भी की गई थी।

सिर्फ यही नहीं—धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ईडी ने हाल ही में

  • नवी मुंबई में धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी की 132+ एकड़ जमीन (4,462 करोड़ ₹ मूल्य) अस्थायी रूप से कुर्क की है,

  • और इससे पहले आरकॉम, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस व रिलायंस होम फाइनेंस की 3,083 करोड़ ₹ की 42 संपत्तियाँ जब्त कर चुकी है।
    अब तक इन मामलों में कुल कुर्की 7,545 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।

अनिल अंबानी की वर्तमान स्थिति

अनिल अंबानी की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि

  • यह समन FEMA जांच से संबंधित है, न कि PMLA मामले से,

  • और वे सभी जांचों में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
    समूह ने यह भी स्पष्ट किया कि अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड में नहीं हैं और 2007–2022 तक वे सिर्फ गैर-कार्यकारी निदेशक थे—अर्थात कंपनी के रोजमर्रा के संचालन में उनकी कोई सक्रिय भूमिका नहीं थी।

इस बयान से यह संकेत मिलता है कि अनिल अंबानी की कानूनी रणनीति खुद को इन कंपनियों के दैनिक वित्तीय फैसलों से दूर दिखाने पर आधारित है।

https://x.com/arbindtiwariT/status/1989370670111998435?s=20

क्या टीना अंबानी की कोई भूमिका है?

इस पूरे बैंक फ्रॉड केस में टीना अंबानी को लेकर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका सामने नहीं आई है
न ईडी की कार्रवाई,
न FIR,
और न ही किसी आधिकारिक दस्तावेज में उनका नाम आता है।

टीना अंबानी पूरी तरह गैर-विवादित हैं और यह मामला केवल कॉरपोरेट लोन, कंपनी प्रबंधन और वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है — जिसमें जांच का फोकस अनिल अंबानी और उनकी संबंधित कंपनियाँ हैं।

https://tesariaankh.com/digital-gold-investment-risks-benefits-sebi-warning-explained/

ईडी की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है और अनिल अंबानी को किसी न किसी रूप में पेश होना ही होगा—चाहे वह वर्चुअल हो या व्यक्तिगत।
बैंकिंग सेक्टर के इतिहास के सबसे बड़े वित्तीय मामलों में से एक का यह अध्याय अभी और खुलने वाला है।

अनिल अंबानी (ADAG) की वर्तमान वित्तीय स्थिति — 2025 अपडेट

कंपनियों की आय और कर्ज-मुक्ति

Reliance Infrastructure: FY25 के दौरान इसने लगभग ₹3,300 करोड़ का बैंक और वित्तीय संस्थानों (FIs) का कर्ज चुका दिया है, और उसकी standalone net debt बैंक/एफआई के लिए शून्य हो गई है।

Reliance Power: कर्ज-इक्विटी अनुपात (debt-to-equity) में सुधार हुआ है। ET रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 तक यह अनुपात 1.62 से गिरकर ~0.93 हो गया है।

इन सुधारों के चलते, दोनों कंपनियों की नेट वर्थ भी बढ़ी है:

Reliance Infrastructure की नेट वर्थ ~₹14,287 करोड़ (31 मार्च 2025 तक)

Reliance Power की नेट वर्थ ~₹16,337 करोड़ (31 मार्च 2025) तक पहुंची।

नकदी (Cash) और पूंजी जुटाना

समूह ने पूंजी जुटाने की रणनीति अपनाई है: ADAG ने FCCB (Foreign Currency Convertible Bonds) जारी किए (लगभग ₹7,100 करोड़) एक वैश्विक निवेशक के साथ साझेदारी में।

इसके अलावा, Qualified Institutional Placement (QIP) के ज़रिए भी पूंजी बढ़ाने की योजना है (~₹6,000 करोड़)।

ये कदम नकदी की स्थिति को मजबूत करने और लिक्विडिटी बढ़ाने की कोशिश हैं।

संपत्ति और कुल एसेट्स

Reliance Infrastructure के एसेट्स का मूल्य ~₹65,840 करोड़ है (31 मार्च 2025) ।

Reliance Power के एसेट्स ~₹41,282 करोड़ हैं।

हालांकि, एडाग ग्रुप की कुछ संपत्तियाँ ED द्वारा अटैच की गई हैं। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में ~₹7,500 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।

उदाहरण के लिए, नवी मुंबई में 132 एकड़ से अधिक जमीन (Dhirubhai Ambani Knowledge City) को ED ने लगभग ₹4,462.8 करोड़ के मूल्य पर अस्थायी रूप से कुर्क किया है।

जोखिम और चुनौतियाँ

समूह पर नवीनतम नियामक और जांच का दबाव है: SFIO (Serious Fraud Investigation Office) ने भी कुछ ADAG कंपनियों पर फंड डायवर्सन और गवर्नेंस के मुद्दों की जांच शुरू की है।

वित्तीय सुधार के बावजूद, विश्लेषकों के अनुसार समूह के कुछ अन्य हिस्सों में समूह-स्तर का जोखिम बना हुआ है, क्योंकि कुछ सब्सिडियरीज़ या पूर्व इकाइयों की वित्तीय परेशानियाँ अभी पूरी तरह हल नहीं हुई हैं।

अनिल अंबानी के ADAG समूह की दो प्रमुख कंपनियाँ — Reliance Infrastructure और Reliance Power वित्तीय सुधार की राह पर हैं, खासकर कर्ज के मामलों में।

उन्होंने नकदी और पूंजी जुटाने के लिए रणनीतिक कदम उठाए हैं, जिससे उनकी लिक्विडिटी बेहतर हो रही है।

हालांकि, ED की चल रही जांच और संपत्ति जब्ती समूह के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।

कुल मिलाकर, अनिल अंबानी के व्यावसायिक साम्राज्य में कई सकारात्मक संकेत दिखे हैं, लेकिन जोखिम पूरी तरह गायब नहीं हुए हैं।

हालांकि अनिल अंबानी ने 2020 में UK कोर्ट में कहा था कि वे “शून्य नेटवर्थ” के व्यक्ति हैं।
इसके बाद से उनकी वास्तविक वित्तीय स्थिति “सार्वजनिक रूप से पूरी तरह पारदर्शी नहीं” है, क्योंकि उनकी बहुत-सी संपत्तियाँ परिवार, ट्रस्ट, और कंपनी स्ट्रक्चर में होती हैं।

अनुमानित वास्तविक नेट वर्थ → ₹3,500 करोड़ से ₹6,000 करोड़ (≈ $420M – $720M)

यह “कुल आर्थिक स्थिति” है, जिसमें शामिल है—

ऐसा क्यों माना जा रहा है?

नीचे आधार दिए जा रहे हैं:

होल्डिंग वैल्यू — (मुख्य स्रोत)

अनिल अंबानी के पास आज भी ADAG की प्रमुख कंपनियों में हिस्सेदारी है, जिनका बाजार मूल्य 2024–25 में तेज़ी से बढ़ा है।

 Reliance Power

  • मार्केट कैप: लगभग ₹11,000–12,000 करोड़ (2025)

  • अनिल अंबानी + रिलायंस ADA ग्रुप की हिस्सेदारी: ~23–24%
    अनुमानित मूल्य: ₹2,500–2,700 करोड़

Reliance Infrastructure

  • मार्केट कैप: ₹9,000–10,000 करोड़

  • प्रमोटर हिस्सेदारी: ~33–34%

  • अनुमानित मूल्य: ₹3,000–3,300 करोड़

यह दोनों ही कंपनियाँ हाल में मुनाफे में आई हैं, जिससे होल्डिंग वैल्यू बढ़ी है।

निजी एसेट्स + परिवार ट्रस्ट्स

इनमें शामिल है:

  • दक्षिण मुंबई में सी-फेसिंग प्रॉपर्टी

  • परिवार के संयुक्त निवेश

  • Beverly Hills/UK की फैमिली प्रॉपर्टीज़ (टीना अंबानी के नाम भी)

  • निवेश ट्रस्ट्स (जिनकी वैल्यू सार्वजनिक नहीं)

अनुमानित नेट वैल्यू: ₹500–800 करोड़

नकदी (Cash & Cash Equivalents)

क्योंकि ADAG कंपनियों ने FCCB/QIP के ज़रिए पूंजी जुटाई है, और कुछ कर्ज चुकाया है,
लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर अनिल अंबानी की नकद स्थिति बहुत अधिक नहीं मानी जाती।

अनुमानित व्यक्तिगत नकदी: ₹150–250 करोड़
(यह निजी अनुमानों पर आधारित है, क्योंकि आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है।)

ED ने ADAG समूह की ₹7,545 करोड़ की संपत्तियाँ सीज़ की हैं।

अनिल अंबानी पर व्यक्तिगत गारंटियों के तहत ₹12,000+ करोड़ के सुप्रीम कोर्ट केस चल रहे हैं।

कई बैंकों के NPA और रिकवरी केस अभी भी पूरे नहीं हुए हैं।

इसका मतलब: नेट वर्थ वास्तविकता में और भी कम मानी जा सकती है, लेकिन कंपनियों की हिस्सेदारी और प्राइवेट प्रॉपर्टीज़ को जोड़ने पर ऊपर दिया गया अनुमान व्यावहारिक है।

श्रेणी अनुमानित मूल्य
सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी ₹5,500–6,000 करोड़
निजी एसेट ₹500–800 करोड़
नकदी ₹150–250 करोड़
कुल अनुमानित नेट वर्थ ₹3,500–6,000 करोड़ (Post-Liability)

लायबिलिटीज़ काटने के बाद नेट-वर्थ कम लगती है — यही कारण है कि अनिल अंबानी को कई बार आर्थिक संकट में माना गया।

लेकिन—

ADAG कंपनियों के पुनरुत्थान और शेयरों की तेज़ रिकवरी के चलते 2024–25 में उनकी वास्तविक संपत्ति फिर से बढ़ी है।

Tesari Aankh
Author: Tesari Aankh

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